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महाशिवरात्रि के मौके पर गायत्री शक्तिपीठ में सामूहिक रुद्राभिषेख का किया गया आयोजन

Mar 8, 2024

सिटी न्यूज़ डेस्क।महाशिवरात्रि पर्व के शुभ अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ गायत्री शक्तिपीठ सोहसराय 17 नंबर लघु सिंचाई विभाग में आज सामूहिक रूप से रुद्राभिषेक एवं महामृत्युंजय महायज्ञ का आयोजन किया गया ।इस अवसर पर सभी परिजनों ने सामूहिक रूप से जलाभिषेक, दशा स्नान पूजा अर्चना एवं महामृत्युंजय मंत्र का सामूहिक जाप किया । रुद्राभिषेक की पूर्णाहुति महामृत्युंजय मंत्र आहुति के साथ में संपन्न हुआ । श्री रवींद्र वर्मा ने रुद्राभिषेक का कार्यक्रम संपन्न कराया। रुद्राभिषेक का कार्यक्रम शिव भोले भंडारी लाज रखो हमारी, जय महाकाल जय महाकाल गीत के साथ नीतू एवं रेनू देवी ने शुभारंभ किया। मिथिलेश कुमार विद्यार्थी ने कहा कि महाशिव- रात्रि पर्व एक महान उद्देश्य के लिए मनाया जाता है ।उन्होंने कहा कि शिव बैग का, त्याग का ,मुक्ति का और परोपकार का प्रतीक है । शिव को अपना मित्र , शिव से सच्चा प्यार कर लेने से अपने अंदर आनंद उत्पन्न होता है एवं प्रसन्नता होती है । उन्होंने कहा की नित्य स्वयंभू सनातन शाश्वत सर्वशक्तिमान परमात्मा की उच्चतम अभिव्यक्ति सदाशिव है । शुभ शुद्ध कल्याण स्वरूप प्रथम आत्मा शिव है। सबसे महान भगवान महादेव शंकर को माना गया है ।
शंकर अनंत के सर्वोच्च दाता स्वयंभू स्वयं प्रकाशमान है। भोलेनाथ जो सबसे सरल है भोले प्राणियों के स्वामी हैं, वहीं पर महाकाल समय और संघार के स्वामी महेश महान ईश्वर, माया के स्वामी है ।विश्वनाथ ब्रह्मांड के स्वामी है, ओंकारा ओम के निर्माता है, देवाधिदेव महादेव देवों के देव ,देवताओं के स्वामी माना गया जाता है ।गंगाधर गंगा को धारण करने वाले ,रामेश्वरम श्री राम के ईश्वर या श्री राम जिनके ईश्वर हैं। बैजनाथ जो वेदों के चिकित्सकों के, औषधियों के स्वामी, केदारनाथ जो पर्वतों के स्वामी है, कैलाश नाथ जो कैलाश पर्वतों के स्वामी हैं और भूतेश्वर नाथ जो समस्त भूतों प्राणियों के स्वामी हैं ईश्वर हैं ।पशुपतिनाथ सभी पशुओं के जीवन के स्वामी हैं ,नटराज अर्थात नृत्य के ईश्वर नटेश्वर ,नीलकंठ नीले कंठ वाले, बिषधर अर्थात विष को अपने कंठ में धारण करने वाले, भैरवनाथ भय को नाश करने वाले, रूद्र समस्त समस्याओं का नाश करने वाले ऑगढ़ जो हर समय आनंद में रहते हैं और आनंद प्रदान करते हैं ।नागभूषण अर्थात नागों को आभूषण के रूप में धारण करने वाले, दिगंबर जो आकाश को अपने वस्त्र के रूप में धारण करने वाले हैं हर पापों व तापों को हरने वाले हैं , कपाली अर्थात कपाल की माला पहनने वाले ,उमापति उमा के पति पार्वती के पति जो हैं ऐसे शिव शंकर को आज पूरे विश्व में पूजन अर्चना किया जा रहा है जो हर मनोकामना को पूर्ण करने वाले हैं। ऐसे ही पूजन आज समूह के रूप में सामूहिक रूप से गायत्री शक्तिपीठ 17 नंबर में किया गया है ।इस अवसर पर सरवन ,सुमन विद्यार्थी श्रीमती सारिका , रेणु , सुमित्रा, लीला ,बबीता, नीतू , गोपाल सुनील , संजय, कमला के साथ-साथ सैकड़ो परिजन उपस्थित थे

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