सिटी न्यूज़ डेस्क।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री को गृह विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी ने गृह विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में तथा पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्ठी ने अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है। आप अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल समाधान पोर्टल के माध्यम से भूमि जनित मामलों का निरंतर अनुश्रवण कर समाधान रहा है, जिससे भूमि विवाद में कमी हो रही है। पहले जितनी हत्यायें होती थी, प्रतिशत हत्यायें भूमि विवाद के कारण होती थी, अब यह घटकर 46.69 प्रतिशत हो डायल 112 सेवा पूरे राज्य में 20 मिनट के अंदर लोगों को उपलब्ध होने से नागरिकों को बेहतर पुलिस सेवा उपलब्ध हो रही है।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें। गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें, रात्रि गश्ती और तेज करें। रात्रि एवं पैदल गश्ती को और प्रभावी बनाने के लिये वरीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर रात्रि में स्वयं औचक निरीक्षण करें। कानून व्यवस्था को बनाये रखने में सभी पूरी तन्मयता से काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके। कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये पुलिस और प्रशासन मुश्तैदी से कार्य करें तथा अपराध नियंत्रण हेतु पूरी सख्ती से कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिये विभिन्न श्रेणियों में 2,29,139 पद स्वीकृत किये जा चुके हैं। 1,06,436 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। शेष रिक्त पदों पर बहाली शीघ्र करें। हमने वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिये 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। अभी बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है। बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में जो महिलायें शिकायत लेकर आतीं हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। हर थाने में महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिस कर्मियों का पदस्थापन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि थाने में आने वाले आगंतुकों के साथ अच्छा व्यवहार हो, उनकी बातें सुनी जाय, यह सुनिश्चित किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं, जो अब घट रहा है। जानकारी दी गयी है कि 46.69 प्रतिशत हो गया है, यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाली अपराध की घटनाओं में पूरी तरह कमी आए। शराबबंदी के क्रियान्वयन पर विशेष नजर रखें, गड़बड़ी करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई करें। इसमें जो पदाधिकारी संलिप्त हैं, उनको भी चिह्नित कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिये सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि बिहार में साम्प्रदायिक सद्भाव का माहौल कायम है, इसके लिये पुलिसकर्मियों ने अच्छा काम किया है। प्रशासन और पुलिस पूरी मुश्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये रखें।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्ठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, गृह विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव श्री विनोद सिंह गुंजियाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पुलिस महानिदेशक सह अध्यक्ष बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड श्री विनय कुमार, पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण श्रीमती प्रीता वर्मा, पुलिस महानिदेशक, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस श्री ए०के० अंबेडकर, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय श्री जे०एस० गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक, विशेष शाखा श्री सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था, श्री संजय सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, मद्य निषेध श्री सुशील खोपड़े, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियान श्री अमृत राज, गृह विभाग के सचिव श्री प्रणव कुमार सहित पुलिस मुख्यालय के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रमण्डलीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक जुड़े हुये थे।