सिटी न्यूज डेस्क । जिला कांग्रेस नालंदा के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कल पेश हुए बजट पर विशेष रूप से चर्चा करते हुए कहा कि यह बजट पूर्ण रूप से किसान बेरोजगार एवं बिहार के लिए विरोधी बजट है उन्होंने व्यवसाय संबंधित जीएसटी पर चर्चा करते हुए कहा की कई वर्षों से जीएसटी में बदलाव एवं सरलीकरण की मांग की जा रही है लेकिन दिन प्रतिदिन यह व्यवस्था और जटिल होते जा रही है इस पर बजट में कोई चर्चा नहीं हुई ठीक उसी तरह से आयकर के प्रावधानों में भी पिछले दो-तीन बजट में वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री जी के द्वारा उसे सरल करने पर परिचर्चा होती रही है लेकिन यह दिन-ब-दिन जटिल होते जा रही है जब सरकार के द्वारा जी एस टी लाया जा रहा था तो कहा गया था वन मैन वन टैक्स लेकिन आज आपसे कई तरह के टैक्स वसूले जा रहे हैं आप सड़क पर चलने का टैक्स दे रहे हैं नगर निगम का टैक्स दे रहे हैं जी एस टी अलग से सभी खारीदारी यहाँ तक की हर चीज में जी एस टी दे रहे हैं फिर ऊपर से आयकर का भार जो है वह अलग ही देना पड़ता है तो कहाँ गई सरकार के वह वादे ,इस बजट में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कोई भी नई चीज नहीं है जिससे कि परोक्ष रूप से उद्योग को फायदा हो खास करके बिहार को इससे दूर रखा गया है बिहार में विशेष राज्य की दर्जा की मांग वर्षों से चली आ रही है इस पर कोई चर्चा नहीं हुई जबकि सरकार को यह चाहिए था कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में कोई कठिनाई है तो यहां के कुछ विशेष हिस्सों में विशेष कोरिडोर बनाकर उसे बढ़ावा देना चाहिए बिहार को छोड़ बाकी दूसरे राज्यों में उद्योगों को बढ़ावा देने की बात होती रही है लेकिन बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने की कोई चर्चा होती ही नहीं है बाकी सभी राज्यों में उद्योग का जाल बिछा हुआ है सिर्फ बिहार में ही कोई उद्योग फल फूल नहीं रहा है इसे विशेष श्रेणी में लाकर इसे बढ़ावा देने की चर्चाएं होनी चाहिए थी आयकर में नई प्रणाली पर चर्चा करते हुए जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बताया कि नई प्रणाली में सरकार ने कोई विकल्प नहीं रखा है जबकि पुराने प्रणाली में आयकर में 80/c एवं होम लोन वगैरह में डिडक्शन की सुविधा उपलब्ध थी मध्यम वर्ग के लोग टैक्स बेनिफिट के लिए इन्वेस्टमेंट करते थे जिसका फायदा उन्हें आपातकाल में मिलता था जैसे सरकारी कर्मचारी के द्वारा इपीएफ पीपीएफ में अपने तनख्वाह का एक हिस्सा जमा कर उसका फायदा भविष्य में लोग लेते रहे थे पर इस नई कर प्रणाली में इस तरह के बेनिफिट की सुविधा उपलब्ध नहीं है यानी अगर गौर से देखा जाए तो सरकार के द्वारा व्यवसायियों एवं सरकारी कर्मियों के हिस्सा को मारा जा रहा है कहीं ना कहीं इन्वेस्टमेंट प्लान इपीएफ पीपीएफ और अन्य सुविधा जो जनता को मिलती थी उसमें सरकार की एक बड़ी हिस्सेदारी होती थी जिस पैसा को कर्मचारी इन फंडों में जमा करते थे सरकार को उसमें और अधिक पैसा जोड़कर उन्हें वापस करना होता था जिसे इस नई प्रणाली में पूर्णताया बंद कर दिया गया है जो कहीं न कहीं सरकार के हक में तो फायदेमंद है लेकिन जनता के हक में सिर्फ नुकसान ही नुकसान है अभी हाल में ही जो कोविड महामारी का प्रकोप देश में आया रोजी रोजगार ठप हो गए कहीं ना कहीं भारत वासियों को वह पूर्व का इन्वेस्टमेंट प्लान ही काम आया व्यवसाई से लेकर सरकारी कर्मी तक अपने पुराने इन्वेस्टमेंट प्लान का फायदा उठाकर उन्होंने उस कोरोना काल को यानी आपदा काल को भी झेल लिया लेकिन अब भविष्य में अगर इस तरह की कोई आपदा आती है तो आम जनता एवं सरकारी कर्मियों का किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लान में रुचि नहीं रहेगा क्योंकि आयकर रिटर्न में उसकी सुविधा नहीं मिलेगी अंत में जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बताया कि अगर बारीकी से इस बजट का अध्ययन किया जाए तो गरीब गुरबो के लिए किसानों के लिए बेरोजगार नौजवानों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए किसी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं की गई है अतः हमारी नजर में यह बजट पूर्णतया निराशाजनक है एवं शिर्फ चुनाव को देखते हुए इसे लोक लुभावन बना कर दिखाया जा रहा है जबकि सही मायने में यह वजट पूर्णतः खोखला है Share on FacebookTweetFollow usSaveShare this:WhatsAppTwitterFacebookEmailPrintTelegramLike this:Like Loading... Related Post navigation पोखर खुदाई के दौरान मिला काले पत्थर की प्राचीन मूर्ति नालंदा ।बिहारशरीफ के पोस्को कोर्ट के न्यायाधीश ने अप्राकृतिक यौनाचार के मामले में आरोपी को 10 साल की सुनाया सजा 2-2 लाख अर्थ दंड देने का दिया निर्देश