बिहारशरीफ: कोशुक स्थित सनबीम सेंट्रल स्कूल में रविवार को 20वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस खास मौके पर स्कूल के छात्रों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिसने उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने किया। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि “ज्ञानी व्यक्ति कभी भूखा नहीं मरता। वह कहीं भी अपनी प्रतिभा के दम पर कमाई कर सकता है।” उन्होंने कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में निजी विद्यालयों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो गई है, इसलिए सरकार अब निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को भी अनुदान देने की दिशा में काम कर रही है।
छात्रों के साइंस एग्जीबिशन का निरीक्षण
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस मौके पर छात्रों द्वारा लगाए गए साइंस एग्जीबिशन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने छात्रों की रचनात्मकता और नवाचार की सराहना की और कहा कि आज के युवा वैज्ञानिक देश का भविष्य संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नए अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है, ताकि युवा अपनी प्रतिभा को और निखार सकें।
स्कूल निदेशक ने साझा की सफलता की कहानी
विद्यालय के निदेशक ने बताया कि सन बीम सेंट्रल स्कूल का यह 20वां वार्षिक उत्सव है और यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने कहा कि “शिक्षा के माध्यम से समाज को आगे ले जाने का हमारा लक्ष्य है। इसी सोच के साथ हम विद्यार्थियों को आधुनिक और नैतिक शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने विद्यालय की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि यहां के छात्र विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने नृत्य, नाटक और संगीत की शानदार प्रस्तुतियां दीं। भारतीय संस्कृति से जुड़े नृत्य और देशभक्ति गीतों पर आधारित प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। इसके अलावा छात्रों ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर आधारित नाटकों का मंचन किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक, अभिभावक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया और शिक्षकों को भी उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
यह वार्षिक उत्सव न केवल छात्रों के लिए एक यादगार अनुभव साबित हुआ बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी गर्व का क्षण था।