सिटी न्यूज़ डेस्क।बिहार शरीफ के दुर्गा मैरेज हॉल में बुधवार की दोपहर भारतीय जनता पार्टी की ओर से आपातकाल की 50वीं बरसी के उपलक्ष्य में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन भाजपा के प्रदेश मंत्री मनोज कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस मौके पर मनोज कुमार सिंह ने आपातकाल की विभीषिका को याद करते हुए कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर एक काला धब्बा था, जिसे देश कभी भूल नहीं सकता। उन्होंने कहा कि उस समय लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था। देश के तमाम बड़े नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया था। उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गईं और अभिव्यक्ति की आज़ादी पूरी तरह से छीन ली गई थी।
मनोज सिंह ने इंदिरा गांधी के वंशज राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह इंदिरा गांधी ने तानाशाही रवैया अपनाया था, उसी तरह राहुल गांधी में भी वही प्रवृत्तियाँ दिखाई देती हैं। उन्होंने हाल ही में संसद भवन में पारित कानून की प्रति फाड़ने की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है और देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास है।
कार्यक्रम में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि लालू यादव कभी जयप्रकाश नारायण (जेपी) के सिद्धांतों के अनुयायी थे और उन्होंने आपातकाल का डटकर विरोध किया था। लेकिन आज वे उसी कांग्रेस की गोद में बैठे हैं जिसने आपातकाल थोपकर जेपी को उत्पीड़न का शिकार बनाया था। यह राजनीतिक अवसरवादिता का जीवंत उदाहरण है।
सेमिनार में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, छात्र, बुद्धिजीवी और समाजसेवी उपस्थित थे। वक्ताओं ने आपातकाल के दौरान हुए अत्याचारों की चर्चा की और वर्तमान पीढ़ी को लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहने की अपील की।
इस आयोजन के माध्यम से भाजपा ने न सिर्फ आपातकाल की भयावहता को जनमानस के सामने रखा, बल्कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर भी तीखा हमला बोलते हुए खुद को लोकतंत्र का सच्चा संरक्षक बताया।
